पीएसएलवी-सी35 ने एक ही उड़ान में दो अलग-अलग कक्षाओं में आठ उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया होम / अभिलेखागार / पीएसएलवी-सी35 ने एक ही उड़ान में दो अलग-अलग कक्षाओं में आठ उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया
सितंबर 26, 2016 अपने सैंतीसवें उड़ान (पीएसएलवी-सी35) में, इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 371 किलो स्कैटसैट -1 उपग्रह एवं सात सह-यात्री उपग्रहों के साथ आज सुबह(सितंबर 26, 2016) को प्रमोचन किया। यह पीएसएलवी का लगातार छत्तीसवां सफल मिशन है। पीएसएलवी-सी35 के ऑनबोर्ड पर सभी आठ उपग्रहों का कुल वजन 675 किलो था। ऑनबोर्ड पर दो अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए पीएसएलवी-सी35 यह पहला पीएसएलवी मिशन है। यह आज तक आयोजित पीएसएलवी मिशन उत्थापन के बाद सबसे लंबे अवधी 2 घंटे 15 मिनट और33 सेकंड में पूरा किया गया। पीएसएलवी-सी35 के प्रथम प्रमोचन मंच से 09:12 बजे आईएसटी पर लिफ्ट-ऑफ व पहले चरण के प्रज्वलन के बाद की महत्वपूर्ण उड़ान घटनाएं, अर्थात्, स्ट्रैपऑन प्रज्वलन और पृथक्करण, पहला चरण पृथक्करण, दूसरा चरण प्रज्वलन, नीतभार फेअरिंग पृथक्करण, दूसरा चरण पृथक्करण, तीसरा चरण प्रज्वलन और पृथक्करण, चौथा चरण प्रज्वलन और कट-ऑफ सभी क्रियाकलाप योजनानुसार रहें। 16 मिनट 56 सेकंड के उड़ान के बाद, वाहन से भूमध्य रेखा में 724 किमी ऊंचाई (कक्षा के बहुत करीब) और 98.1 डिग्री के कोण की आनति पर 37 सेकंड बाद में, मुख्य उपग्रह स्कैटसैट-1 पीएसएलवी के चौथे चरण से पृथक हुआ। पृथकरण के बाद, स्कैटसैट -1 उपग्रह के दो सौर व्यूह स्वचालित रूप से प्रस्तरित हो गए थे और इसरो के दूरमिति, अनुवर्तन और आदेश जाल (इस्ट्रैक) बंगलौर ने उपग्रह को नियंत्रण में लिया। आने वाले दिनों में उपग्रह अपने अंतिम परिचालन विन्यास के बाद अपने प्रकीर्णमापी पेलोड का उपयोग कर मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करना शुरू कर देगा । स्कैटसैट -1 उपग्रह द्वारा भेजे गए डेटा से पवन वेक्टर उत्पादों के जनन के माध्यम से उपयोगकर्ता समुदायों के लिए मौसम की भविष्यवाणी सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही चक्रवात का पता लगाने और अनुवर्तन में मदद मिलेगी। स्कैटसैट -1 के सफल पृथकरण के बाद, पीएसएलवी-सी35 मिशन जारी रहा, अभी भी सात सह-यात्री उपग्रहों को वहन करते हुए, पीएसएलवी के चौथे चरण में दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर तटस्थता और फिर उत्तरी गोलार्द्ध की ओर आरोहन शुरू कर दिया। परिक्रमा कर रहे स्कैटसैट -1 और पीएसएलवी-सी35 के चौथे चरण के बीच सुरक्षित दूरी को उपयुक्त चरण कौशल के द्वारा बनाए रखा गया था। उत्थापन के बाद 1 घंटे 22 मिनट और 38 सेकंड के बाद, चौथा चरण उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में गया था, पीएसएलवी चौथे चरण के दो इंजन को फिर से दूबारा 20 सेकंड के लिए प्रज्वलित कर दिया गया। इसके परिणाम स्वरूप, यह दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पृथ्वी के एक तरफ 725 किमी और दूसरे तरफ 670 किमी पर माप में प्रवेश किया। फिर 50 मिनट बाद, पीएसएलवी का चौथा चरण फिर से दक्षिण ध्रुव के किनारे के पास आया था, उसके इंजन को और 20 सेकंड के लिए प्रज्वलित कर दिया गया। इस दूसरे ज्वलन से चौथा चरण 669 किमी ऊंचाई की भूमध्य रेखा के 98.2 डिग्री के कोण की आनति पर कक्षा में प्रवेश किया । 37 सेकंड बाद, दोहरा प्रमोचन एडाप्टर पीएसएलवी-सी35 को चौथे चरण से सफलतापूर्वक अलग हो गया था। 30 सेकंड के इस घटना के बाद, अलसैट-1एन पहला सह-यात्री उपग्रह से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया था। इस के बाद, पीएसएलवी चौथे चरण से एनएलएस -19, प्रथम, पीसैट, अलसैट -1बी, अलसैट -2बी, और पाथफाइंडर-1 पूर्व निर्धारित अनुक्रम में अलग हो गए और इस तरह सफलतापूर्वक पीएसएलवी-सी35 मिशन पूरा हुआ। पीएसएलवी-सी35 के दवारा वहन किए सात सह-यात्री, में प्रथम- दो 10 किलो वजन और पीसैट 5.25 किलो वजन, विश्वविद्यालय/शैक्षणिक संस्थान के उपग्रहों को आईआईटी-बंबई और पीइएस विश्वविद्यालय, बंगलौर और उसके संघ, के छात्रों की भागीदारी के साथ बनाया गया था । शेष पांच सह-यात्री उपग्रह अल्जीरिया से (तीन - अलसैट -1 बी, अलसैट -2 बी और अलसैट -1एन), कनाडा (एक- एनएलएस -19) और संयुक्त राज्य अमेरिका (एक - पाथफाइंडर-1) अंतरराष्ट्रीय ग्राहक उपग्रह थे । आज के प्रक्षेपण के साथ ही पीएसएलवी ने दो विभिन्न कक्षाओं में प्रमोचन की अपनी विश्वसनीयता का प्रदर्शन किया है। भारत के विश्वसनीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी द्वारा प्रमोचित उपग्रहों की कुल संख्या अब 121 हो गई है, जिनमें से 42 भारतीय हैं और शेष 79 विदेशों के हैं ।